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जॉर्जिया

मुझे लगता था कि मैंने ज़िंदगी में सबकुछ पा लिया है

मादोना कांकीया

मुझे लगता था कि मैंने ज़िंदगी में सबकुछ पा लिया है
  • जन्म 1962

  • बपतिस्मा 1990

  • परिचय पहले वह जॉर्जिया की कम्यूनिस्ट पार्टी की एक सदस्य थी। उसने कई लोगों को सच्चाई सीखने में मदद दी। सन्‌ 2015 में वह तिब्लिसी में राज प्रचारकों के लिए स्कूल की पहली क्लास से ग्रैजुएट हुई।

मैंने 1989 में बाइबल की सच्चाई के बारे में सुना था। उस वक्‍त मैं अपने शहर सेनाकी में कम्यूनिस्ट पार्टी की एक खास सदस्य थी। मैं नियमित तौर पर जॉर्जिया के सुप्रीम सोवियत की बैठक में जाती थी, जो आज के संसद के बराबर था। एक जवान आदमी से मेरी मँगनी भी हो चुकी थी। इसलिए मुझे लगता था कि मैंने ज़िंदगी में सबकुछ पा लिया है।

मम्मी-पापा ने मुझे बचपन से परमेश्वर से प्यार करना सिखाया था। इसलिए एक कम्यूनिस्ट होते हुए भी मैं परमेश्वर को मानती थी। जब मैंने बाइबल सीखना शुरू किया तो मुझे अपने सारे सवालों के ठीक-ठीक जवाब मिल गए। मैंने अपना जीवन यहोवा को समर्पित करने का फैसला किया। मगर मेरा परिवार, मेरे दोस्त, साथ काम करनेवाले और मेरा मँगेतर मेरे फैसले से खुश नहीं थे।

मेरे नए धर्म की वजह से मेरे रिश्तेदारों ने मुझे ठुकरा दिया और राजनीति में मेरा करियर भी इस नए धर्म के खिलाफ था। मैं इस नतीजे पर पहुँची कि मुझे घर छोड़ना होगा, मँगनी तोड़नी होगी, अपनी नौकरी, कम्यूनिस्ट पार्टी और सुप्रीम सोवियत से इस्तीफा देना होगा। मेरे बपतिस्मे के बाद, दोस्तों और परिवार से मुझ पर और भी दबाव आने लगा। मेरे शहर में सब लोग मुझे जानते थे, इसलिए मैं कुतैसी जाकर बस गयी। वहाँ जल्द ही मैंने पायनियर सेवा शुरू कर दी।

जब लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या कभी मुझे दुख होता है कि मुझे अपने विश्वास की वजह से इतनी मुश्किलें झेलनी पड़ी हैं, तो मैं बेझिझक कहती हूँ कि मुझे कोई दुख नहीं है, मैं अपने फैसलों से पूरी तरह खुश हूँ। मेरे माता-पिता मेरे फैसलों को नहीं समझ पाए थे, फिर भी मैं उनकी एहसानमंद हूँ कि उन्होंने मुझे परमेश्वर से और पड़ोसी से प्यार करना सिखाया था। उन्होंने जो परवरिश दी उससे मुझे ज़िंदगी में बहुत मदद मिली।