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4 | सलाह मानिए, फायदा पाइए

4 | सलाह मानिए, फायदा पाइए

पवित्र शास्त्र में लिखा है, “पूरा शास्त्र . . . फायदेमंद है।”​—2 तीमुथियुस 3:16.

इसका क्या मतलब है?

बाइबल कोई चिकित्सा की किताब नहीं है, फिर भी इसमें कई बढ़िया सलाहें दी गयी हैं, जिन्हें मानने से उन लोगों को फायदा हो सकता है जो मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। आइए कुछ सलाहों पर ध्यान दें।

क्या कदम उठाएँ?

“जो भले-चंगे हैं उन्हें वैद्य की ज़रूरत नहीं होती, मगर बीमारों को होती है।”​—मत्ती 9:12.

बाइबल में लिखा है कि अगर हम बीमार हैं, तो हमें इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। मानसिक बीमारियों के शिकार बहुत-से लोगों ने पाया है कि जब वे डॉक्टर के पास जाते हैं और उन्हें अपनी बीमारी के बारे में सही-सही जानकारी मिलती है, तो इससे उन्हें बहुत राहत मिलती है।

‘कसरत करना फायदेमंद होता है।’​—1 तीमुथियुस 4:8.

अगर आप स्वस्थ होंगे तो आपका मन भी स्वस्थ होगा। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए कुछ कदम उठाइए। जैसे, लगातार कसरत कीजिए, पौष्टिक खाना खाइए और भरपूर नींद लीजिए।

“दिल का खुश रहना बढ़िया दवा है, मगर मन की उदासी सारी ताकत चूस लेती है।”​—नीतिवचन 17:22.

बाइबल से हौसला देनेवाली बातें पढ़िए। हर दिन ऐसे लक्ष्य रखिए जिन्हें आप हासिल कर सकते हैं। यह सब करने से आपको खुशी मिलेगी। अगर आप अच्छी बातों पर मन लगाएँगे और भरोसा रखेंगे कि आगे चलकर सबकुछ ठीक हो जाएगा, तो आप अपनी मानसिक बीमारी से लड़ पाएँगे।

“जो अपनी मर्यादा में रहता है वह बुद्धिमान है।”​—नीतिवचन 11:2.

मानसिक बीमारी होने की वजह से आप शायद वह सब न कर पाएँ जो आप करना चाहते हैं। ऐसे में जब आपके दोस्त और परिवारवाले आपकी तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हैं, तो उन्हें मना मत कीजिए। मगर हो सकता है वे यह न जान पाएँ कि आपको क्या मदद चाहिए। इसलिए इस बारे में उन्हें खुलकर बताइए। उनसे हद-से-ज़्यादा की उम्मीद मत कीजिए और वे जो भी मदद देते हैं, उसके लिए हमेशा उनका एहसान मानिए।

बाइबल की सलाह मानने से बहुतों को फायदा हो रहा है

“जब मुझे लगने लगा कि मेरा स्वभाव कुछ अजीब-सा होने लगा है, तो मैं एक डॉक्टर के पास गयी और अपनी जाँच करवायी। तब मुझे पता चला कि मुझे मानसिक बीमारी है। मैं यह भी जान पायी कि इलाज के कौन-कौन-से तरीके उपलब्ध हैं।”​—निकोल, a जिसे बायपोलर डिसऑर्डर है।

“मैं हर सुबह अपनी पत्नी के साथ बाइबल पढ़ता हूँ। इससे मैं दिन की शुरूआत अच्छी बातों से कर पाता हूँ। कुछ दिन ऐसे होते हैं जब मेरे लिए अपनी बीमारी से जूझना मुश्‍किल होता है। ऐसे में अकसर बाइबल पढ़ते-पढ़ते मुझे कोई ऐसी बात मिल जाती है जिससे मेरा हौसला बढ़ जाता है।”​—पीटर, जिसे डिप्रेशन है।

“अपनी बीमारी के बारे में दूसरों को बताना मेरे लिए बहुत मुश्‍किल था, क्योंकि मुझे डर था कि वे क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे। मगर मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त है। उसने बहुत ध्यान से मेरी बात सुनी और यह समझने की कोशिश की कि मुझ पर क्या गुज़र रही है। उसने मेरी मदद की ताकि मैं अच्छा महसूस करूँ और खुद को कभी अकेला न समझूँ।”​—जीयू, जो एंज़ाइटी की वजह से अपने खाने पर काबू नहीं रख पाती।

“बाइबल की मदद से मैं समझ पाया कि मुझे सिर्फ काम ही काम नहीं करना है बल्कि आराम भी करना है। उसमें दी सलाह मानने की वजह से मैं उन भावनाओं से भी उबर पाता हूँ जो बार-बार मुझे परेशान करती हैं।”​—टिमथी, जिसे ओ.सी.डी. है।

a कुछ नाम बदल दिए गए हैं।