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परिवार के लिए मदद | शादी का बंधन

साथ निभाने के इरादे को कैसे पक्का करें

साथ निभाने के इरादे को कैसे पक्का करें

चुनौती

जिस दिन आपकी शादी हुई थी, उस दिन आपने एक-दूसरे से वादा किया था कि आप उम्र-भर एक-दूसरे का साथ निभाएँगे और मुश्किलों का मिलकर सामना करेंगे।

लेकिन सालों के दौरान आपके बीच हुए झगड़ों से शायद आपका रिश्ता कमज़ोर पड़ गया हो। क्या शादी के दिन किए वादे को निभाने का आपका इरादा आज भी उतना ही मज़बूत है?

आपको क्या मालूम होना चाहिए

ज़िंदगी-भर एक-दूसरे का साथ निभाने का इरादा एक लंगर की तरह है, जो शादी के नाव में सफर कर रहे जोड़े को तूफान जैसी मुश्किलों का सामना करने में मदद करता है

साथ निभाने का वादा समस्या नहीं, उसका हल है। ज़िंदगी-भर एक ही व्यक्‍ति के साथ रहने के खयाल से ही आज कई लोग घबरा जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा करना उम्र-कैद की सज़ा काटने के बराबर है। लेकिन सच तो यह है कि ज़िंदगी-भर एक-दूसरे का साथ निभाने का इरादा एक लंगर की तरह है, जो शादी के नाव में सफर कर रहे जोड़े को तूफान जैसी मुश्किलों का सामना करने में मदद करता है। मेघा * नाम की एक शादीशुदा स्त्री कहती है, “इस वादे का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब आपके बीच झगड़ा होता है, तो आपको इस बात का यकीन होता है कि न आप और न ही आपका साथी कभी एक-दूसरे को छोड़ेगें।” * यह भरोसा आपको अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में आनेवाली समस्याओं का मिलकर सामना करने में मदद करेगा।—“ एक-दूसरे का साथ निभाना और वफादार रहना” नाम का बक्स देखिए।

सौ बात की एक बात: अगर आप अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, तो यह वक्‍त शादी के दिन किए वादे को निभाने का है, न कि उससे मुकरने का। आप यह कैसे कर सकते हैं?

आप क्या कर सकते हैं

अपने नज़रिए की जाँच कीजिए। “हमेशा के लिए शादी के बंधन में बँध जाना।” क्या यह सोचकर आपको ऐसा लगता है कि आप फँस गए हैं, या इस बात की तसल्ली होती है कि आपका रिश्ता हमेशा तक बना रहेगा? जब कोई समस्या खड़ी होती है, तो क्या आपको लगता है कि अगर बात न बनी, तो आप अपने साथी को छोड़ सकते हैं? साथ निभाने के इरादे को मज़बूत करने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि आप शादी के बंधन को एक अटूट बंधन समझें।—बाइबल सिद्धांत: मत्ती 19:6.

अपने अतीत की जाँच कीजिए। साथ निभाने के बारे में आपका नज़रिया क्या है, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि इस बारे में आपके माता-पिता का क्या नज़रिया था। लीआ नाम की एक शादीशुदा स्त्री कहती है, “जब मैं छोटी थी, तो मेरे माता-पिता ने तलाक ले लिया। इसलिए मुझे हमेशा यह चिंता लगी रहती है कि मैंने अपने पति का साथ निभाने का जो वादा किया था, कहीं मैं उसे पूरा करने से चूक न जाऊँ।” लेकिन सच तो यह है कि यह ज़रूरी नहीं कि आपके साथ भी वही होगा, जो आपके माता-पिता के साथ हुआ। आप साथ निभाने के अपने वादे पर अटल रह सकते हैं! —बाइबल सिद्धांत: गलातियों 6:4, 5.

आप जो कहते हैं, उसकी जाँच कीजिए। जब आपके और आपके साथी के बीच झगड़ा हो रहा हो, तो ऐसी बातें मत कहिए जिनकी वजह से आगे चलकर आपको पछताना पड़े, जैसे “मैं तुम्हें छोड़कर जा रही/रहा हूँ।” या फिर “तुम्हारे साथ रहने से तो अच्छा है कि मैं किसी ऐसे के पास चली जाऊँ, जो मेरी कदर करे।” इस तरह की बातों से आपका शादीशुदा रिश्ता कमज़ोर पड़ जाता है और मामला सुलझने के बजाय और बिगड़ सकता है। दिल को चुभनेवाली बातें कहने के बजाय, अच्छा होगा कि आप कुछ ऐसा कहें, “मुझे मालूम है कि हम दोनों ही परेशान हैं। तो क्यों न हम मिलकर इस समस्या का हल निकालें?”—बाइबल सिद्धांत: नीतिवचन 12:18.

यह साफ ज़ाहिर कीजिए कि आप अपने साथी के वफादार रहेंगे। जहाँ आप काम करते हैं वहाँ अपने साथी की तसवीर रखिए। अपनी शादीशुदा ज़िंदगी के बारे में दूसरों को हमेशा अच्छी बातें बताइए। अगर आप किसी काम से बाहर अकेले गए हों, तो हर दिन अपने साथी को फोन कीजिए। अपनी बातचीत में हमेशा “हम” का इस्तेमाल कीजिए, या फिर ऐसा कहिए “मैं और मेरी पत्नी” या “मैं और मेरे पति।” ऐसा करके आप न सिर्फ दूसरों को, बल्कि खुद को भी इस बात का यकीन दिलाएँगे कि अपने पति या पत्नी के साथ रहने का आपका इरादा कितना मज़बूत है।

बेहतरीन मिसालें ढूँढ़िए। ऐसे शादीशुदा लोगों से बात कीजिए, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में आयी मुश्किलों का डटकर सामना किया है और अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को कामयाब बनाया है। उनसे पूछिए, “एक-दूसरे का साथ निभाना आपके लिए कितना ज़रूरी है और इस बात ने आपको शादीशुदा ज़िंदगी में आयी मुश्किलों का सामना करने में कैसे मदद की?” पवित्र शास्त्र में लिखा है, “जैसे लोहा लोहे को चमका देता है, वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।” (नीतिवचन 27:17) इस सिद्धांत को मन में रखकर, क्यों न आप ऐसे लोगों से सलाह लें, जिन्होंने अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को कामयाब बनाया है। ▪ (g15-E 06)

^ पैरा. 7 कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

^ पैरा. 7 पवित्र शास्त्र बाइबल में बताया गया है कि अगर पति या पत्नी में से कोई शादी के बाहर नाजायज़ संबंध रखे, तो उसका साथी उसे तलाक दे सकता है। खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो नाम की किताब का अतिरिक्‍त लेख “तलाक और पति-पत्नी के अलग होने के बारे में बाइबल क्या कहती है” देखिए।