नीतिवचन 16:1-33

16  इंसान अपने मन के विचारों को तैयार तो करता है,मगर वह जो जवाब देता है, वह* यहोवा की तरफ से होता है।+   इंसान को अपनी सभी राहें सही* लगती हैं,+लेकिन यहोवा इरादों* को जाँचता है।+   तू जो कुछ करे उसे यहोवा को सौंप दे,+तब तेरी योजनाएँ सफल होंगी।   यहोवा हर काम इस तरह करता है कि उसका मकसद पूरा हो,उसने दुष्ट को भी विनाश के दिन के लिए इसीलिए रखा है।+   जिसके मन में घमंड है, वह यहोवा की नज़र में घिनौना है।+ यकीन रख, वह बिना सज़ा पाए नहीं रहेगा।   अटल प्यार और वफादारी से* पापों का प्रायश्‍चित होता है+और यहोवा का डर मानने से इंसान बुराई से मुँह फेर लेता है।+   जब यहोवा किसी इंसान की राह से खुश होता है,तब वह उसके दुश्‍मनों को भी उसके साथ शांति से रहने देता है।+   अन्याय करके अमीर बनने से अच्छा है,नेकी की राह पर चलकर कम में गुज़ारा करना।+   एक आदमी अपने मन में योजना तो बनाता है,लेकिन यहोवा ही उसके कदमों को राह दिखाता है।+ 10  राजा के होंठों पर परमेश्‍वर का फैसला होना चाहिए,+वह न्याय करने से कभी न चूके।+ 11  सच्चे तराज़ू के काँटे और पलड़े यहोवा के हैं,थैली में रखे सभी बाट-पत्थर उसी की तरफ से हैं।+ 12  दुष्ट कामों से राजाओं को घिन होती है,+क्योंकि उनकी गद्दी नेकी से कायम रहती है।+ 13  सच्ची बातें राजाओं को खुश करती हैं, उन्हें वे लोग पसंद हैं जो सीधी-सच्ची बात कहते हैं।+ 14  राजा का क्रोध मौत का दूत बन जाता है,+लेकिन बुद्धिमान उसका क्रोध शांत करना* जानता है।+ 15  राजा के चेहरे की चमक में ज़िंदगी है,उसकी मेहरबानी वसंत में बरसते बादल जैसी है।+ 16  बुद्धि सोना हासिल करने से और समझ चाँदी हासिल करने से कहीं बढ़कर है।+ 17  सीधे-सच्चे लोगों की राह उन्हें बुराई से दूर रखती है, जो अपनी राह की रक्षा करता है, वह अपनी जान बचाता है।+ 18  विनाश से पहले घमंडऔर ठोकर खाने से पहले अहंकार होता है।+ 19  घमंडियों के साथ लूट बाँटने से अच्छा है,दीन लोगों के बीच नम्र बने रहना।+ 20  जो अंदरूनी समझ दिखाता है उसे कामयाबी मिलती हैऔर जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह सुखी है। 21  जिसके पास बुद्धि* है, कहा जाएगा कि उसमें समझ है+और जो मीठे* बोल बोलता है वह कायल कर पाता है।+ 22  जिसमें अंदरूनी समझ है उसके लिए यह जीवन का सोता है,मगर मूर्ख को अपनी मूर्खता से ही सज़ा मिलती है। 23  बुद्धिमान का मन उसे अंदरूनी समझ की बातें कहने+और दूसरों को कायल करने के लिए उभारता है। 24  मनभावनी बातें छत्ते के शहद जैसी होती हैं,जो मन को* मीठी लगती हैं और हड्डियों को दुरुस्त करती हैं।+ 25  ऐसा भी रास्ता है जो इंसान को सही लगता है,मगर आखिर में वह उसे मौत की तरफ ले जाता है।+ 26  एक मज़दूर का पेट उससे मेहनत करवाता है,उसकी भूख* उसे काम करने पर मजबूर कर देती है।+ 27  निकम्मा आदमी खोद-खोदकर बुरी बातें पूछता है,+उसकी ज़बान झुलसानेवाली आग जैसी होती है।+ 28  आग लगानेवाला* झगड़े करवाता है+और बदनाम करनेवाला जिगरी दोस्तों में फूट डाल देता है।+ 29  खूँखार आदमी अपने पड़ोसी को बहकाकरउसे बुरे रास्ते पर ले जाता है। 30  वह साज़िश रचते हुए आँख मारता है, बुरे काम करते वक्‍त मुस्कुराता है।* 31  पके बाल एक इंसान का खूबसूरत* ताज हैं,+बशर्ते वह नेकी की राह पर चला हो।+ 32  क्रोध करने में धीमा इंसान,+ वीर योद्धा से अच्छा हैऔर अपने गुस्से* पर काबू रखनेवाला, शहर जीतनेवाले से।+ 33  झोली में चिट्ठियाँ डाली तो जाती हैं,+मगर उससे निकला हर फैसला यहोवा की तरफ से होता है।+

कई फुटनोट

या “मगर सही जवाब।”
शा., “पवित्र।”
या “मन।”
इब्रानी पाठ के मुताबिक यह परमेश्‍वर का अटल प्यार और वफादारी भी हो सकती है।
या “उसके क्रोध से बचना।”
शा., “जो दिल में बुद्धिमान।”
या “मन को भानेवाले।”
या “जो खाने पर।”
शा., “उसका मुँह।”
या “साज़िश रचनेवाला।”
शा., “होंठ दबाता है।”
या “शानदार।”
शा., “मन।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो