इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

लक्ष्य नक्शे की तरह होते हैं, मेहनत करने से आप उन्हें हकीकत में बदल सकते हैं

नौजवानों के लिए

12: लक्ष्य

12: लक्ष्य

इसका क्या मतलब है?

लक्ष्य रखना सपने देखने या किसी चीज़ की ख्वाहिश करने जैसा नहीं है। जब हम कोई लक्ष्य रखते हैं, तो उसे हासिल करने के लिए हमें योजना बनानी होती है, कई बदलाव करने पड़ते हैं और खूब मेहनत करनी होती है।

कुछ लक्ष्य छोटे होते हैं, तो कुछ बड़े। छोटे लक्ष्य हासिल करने में कुछ दिन या हफ्ते या फिर कुछ महीने लग सकते हैं। वहीं बड़े लक्ष्य हासिल करने में शायद एक या कई साल लग जाएँ। बड़े लक्ष्य, छोटे-छोटे लक्ष्यों की सीढ़ी पर चढ़कर ही हासिल किए जाते हैं।

यह क्यों मायने रखता है?

लक्ष्य हासिल करने से आपका खुद पर भरोसा बढ़ेगा, आपको अच्छे दोस्त मिलेंगे और आप खुश रहेंगे।

खुद पर भरोसा: अगर आप छोटे-छोटे लक्ष्य हासिल करें, तो आपको खुद पर भरोसा होगा कि आप बड़े लक्ष्य भी हासिल कर पाएँगे। आपको हर दिन की मुश्‍किलों का भी सामना करने की हिम्मत मिलेगी। जैसे, अगर आपके दोस्त आपसे कुछ गलत काम करने को कहें, तो आप उन्हें ठुकरा पाएँगे।

दोस्त: आम तौर पर लोग ऐसे लोगों से दोस्ती करना पसंद करते हैं, जिनके जीवन में कुछ लक्ष्य होते हैं और जो उन्हें पाने के लिए मेहनत करते हैं। इतना ही नहीं, किसी से अपनी दोस्ती पक्की करने का एक अच्छा तरीका है, उसके साथ मिलकर कोई लक्ष्य हासिल करने के लिए मेहनत करना।

खुशी: जब आप कोई लक्ष्य रखें और उसे पा लें, तो आपको खुशी होगी कि आपने कुछ हासिल किया है।

“मुझे लक्ष्य रखना अच्छा लगता है। इससे मैं फिज़ूल की बातों पर नहीं, बल्कि अपना लक्ष्य पूरा करने पर ध्यान लगा पाता हूँ। जब हम कोई लक्ष्य हासिल कर लेते हैं, तो बहुत खुशी होती है, कि वाह! मैंने जो सोचा था, वह हासिल कर लिया।”​—क्रिस्टोफर।

पवित्र शास्त्र की सलाह: “यदि कोई व्यक्‍ति पूरी तरह से उत्तम मौसम का इंतज़ार करता रहता है तो वह अपने बीज बो ही नहीं सकता है और इसी तरह कोई व्यक्‍ति इस बात से डरता रहता है कि हर बादल बरसेगा ही तो वह अपनी फसल कभी नहीं काट सकेगा।”​—सभोपदेशक 11:4, हिंदी ईज़ी-टू-रीड वर्शन।

आप क्या कर सकते हैं?

कुछ लक्ष्य रखने और उन्हें हासिल करने के लिए ये कदम उठाइए।

सोचिए। सोचिए कि आप कौन-कौन-से लक्ष्य रख सकते हैं। फिर एक क्रम में लिखिए कि पहले कौन-सा लक्ष्य हासिल करेंगे और उसके बाद कौन-कौन-सा।

योजना बनाइए। हर लक्ष्य के बारे में नीचे दी बातें लिखिए:

  • आप उसे किस तारीख तक पूरा करना चाहते हैं।

  • आप उसे हासिल करने के लिए क्या-क्या करेंगे।

  • कौन-सी बाधाएँ आ सकती हैं और आप उन्हें कैसे पार करेंगे।

कदम उठाइए। फौरन लग जाइए। ऐसा मत सोचिए कि जब मुझे अपने लक्ष्य से जुड़ी हर बात पता होगी, तभी मैं पहला कदम उठाऊँगा। खुद से पूछिए, ‘अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए सबसे पहले मुझे क्या करना होगा?’ फिर वह कीजिए। समय-समय पर देखिए कि आप अपना लक्ष्य हासिल करने में कहाँ तक कामयाब हुए हैं।

पवित्र शास्त्र की सलाह: “मेहनती की योजनाएँ ज़रूर सफल होंगी।”​—नीतिवचन 21:5.